Friday, February 1, 2013

विवाद में सिनेमा


विवाद में सिनेमा 
ब्रजेश कानूनगो

साधुरामजी बहुत गुस्से मे दिखाई दे रहे थे। कहने लगे - यह हो क्या रहा है हमारे देश में ? विमर्श और विचार करने की प्रक्रिया पर ही रोक लगाने की चेष्टा की जा रही है, यदि ऐसा ही चलता रहा तो हमारा देश कलाकारों, साहित्यकारों और विचारकों,चिंतकों से मुक्त हो जाएगा।
मैने उनके सामने एक गिलास ठंडा पानी बढाया तथा शांति से बैठने का इशारा किया, कहा- कुछ नही होगा साधुरामजी, सब ठीक हो जाएगा,आप इतना परेशान नही हों। ‘मॉय नेम इस खान’ भी प्रदर्शित हुई थी ‘विश्वरूपम’ भी लोग देख सकेंगे। न शाहरुख कहीं गए हैं न कमल हासन के देश छोडने की नौबत आएगी।
फिर भी इस तरह के विरोध की घटनाओं से रचनात्मकता  का नुक्सान होता है। यदि फिल्म का कोई पात्र आतंकवादी है तो क्या उसका कोई धर्म या जाति नही होगी। उसके चरित्र चित्रण के लिए निर्देशक को वातावरण भी बनाना होगा। यदि खलनायक डाकू है साथ ही देवी का भक्त है तो वह काली की पूजा भी करेगा । इसमें धर्म को क्षति कैसे पहुंच सकती है? साधुरामजी का क्रोध अभी शांत नही हुआ था।

लेकिन फिल्मे लोगों के लिए ही बनाई जाती हैं और यदि उन्हे ही एतराज है तो फिर फिल्मकारों को थोडा ध्यान तो रखना ही चाहिए। मैने समझाने की गरज से कहा।
तुम कुछ नही समझते। संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है। हर व्यक्ति को अपनी बात, अपनी अलग दृष्टि से रखने का अधिकार होता है। हर बात अगर समुदायों और समाज के आकाओं से पूछकर ,उनकी सहमती से ही कही जाने लगीं तो हो चुका सृजन, हो गया कला और साहित्य का कल्याण। साधुरामजी का गुस्सा शांत होने का नाम ही नही ले रहा था। याने आपका मानना है कि लोगो में सहिष्णुता ही नही रही है अब, बिना सोचे समझे विरोध का बिगुल बजाने लगते हैं? मैने कहा।

बिल्कुल, यही बात है। थोडा धैर्य से कलाकारों, चिंतकों, रचनाकारों,फिल्मकारों के विचारों और उनकी कृतियों को समझना चाहिए। फिर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए। आज यदि कबीर होते तो उनका न जाने क्या हाल इस देश मे कर दिया जाता। साधुरामजी निराशा भरे स्वर मे बोले। अब तो यही हो सकता है कि विवादास्पद पात्रों को एलियन या किसी ऐसे अंजान द्वीप का प्राणी चित्रित किया जाए जहाँ किसी प्रकार के धर्म,मजहब या जाति का उदय अब तक नही हुआ हो। साधुरामजी के वक्तव्य पर मैं उनका चेहरा तकता रह गया।

ब्रजेश कानूनगो
503,गोयल रिजेंसी,चमेली पार्क,कनाडिया रोड,इन्दौर-18  

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